राधा कुमुद मुखर्जी वाक्य
उच्चारण: [ raadhaa kumud mukherji ]
उदाहरण वाक्य
- डॉ. राधा कुमुद मुखर्जी ने बिन्दुसार की मृत्यु तिथि ईसा पूर्व 272 निर्धारित की है।
- इसकी पड़ताल दिलचस्प है. डॉ. राधा कुमुद मुखर्जी की एक प्रसिद्ध किताब है ‘
- जो भी हो, राधा कुमुद मुखर्जी इस हिन्दू सभ्यता में आर्य बाहर से आए मानते हैं, पर इस हिन्दू इतिहास की शुरुआत भारत में प्रस्तर युग से करते हैं.
- , जो इस बात का भी प्रमाण है, कि वैदिक जीवन में उनका महत्त्व पूर्ण स्थान था! ” (डा ० राधा कुमुद मुखर्जी-हिन्दू सभ्यता-पृ ० ११ ८) ये विष्णु परमानंद मय श्रीकृष्ण का ही ऐश्वर्य रूप है!
- विकसित सभ्यता के रूप में वे हड़प्पा संस्कृति का जिक्र करते हैं, जिसे वे आर्यों से भिन्न मानते हैं, फिर वह हिन्दू सभ्यता में क्यों शामिल की गई? इस समूची किताब में राधा कुमुद मुखर्जी कहीं यह नहीं कहते कि हिन्दू सभ्यता भारत में हड़प्पा संस्कृति के बाद शुरू होती है.
- डा 0 राधा कुमुद मुखर्जी ' ' हिन्दू सभ्यता '' अध्याय 7 भारत में ऋग्वेदीय '' आर्य-समाज-विवाह और परिवार '' पृ 0 91 में यह स्वीकार करते हैं कि-'' विवाह में वर वधू को स्वंयवर की अनुमति थी (10 / 27 / 12 ऋग्वेद) गुप्त काल में '' कौमुदी महोत्सव '' मनाये जाने के प्रमाण मिलते हैं कौमुदी महोत्सव वस्तुत: मदनोत्सव या कामदेव की पूजा का ही उत्सव था।
- इस पत्रिका में श्रीमती एनी बीसेन्ट, डॉ 0 भगवानदास, साधु वास्वानी, डॉ 0 विनयकुमार सरकार, डॉ 0 राधा कुमुद मुखर्जी, डॉ 0 अविनाश चंद्र दास, लाला हरदयाल, प्रो 0 फणीन्द्रनाथ, श्री गंगाप्रसाद जी जज, डॉ 0 बालकृष्ण जी, प्रो 0 ताराचंद जी गाजरा, प्रो 0 विनायक गणेश साठे, योगी अरविंद, दीनबंधु सी 0 एफ 0 एन्ड्रयूज, मामरन फेल्पस, पाल रिचार्ड, एफ 0 टी 0 बुक इत्यादि राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय विद्वानों के लेख छपते थे।
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